Movie Review:Million Dollar Arm

मूवी रिव्यूः मिलियन डॉलर आर्म (इंग्लिश फिल्म)
एक्टरः जॉन हैम, लेक बैल, आसिफ मांडवी, एलन एरकिन, मधुर मित्तल, सूरज शर्मा, पित्तोबाश त्रिपाठी, दर्शन जरीवाला
डायरेक्टरः क्रेग गिलेस्पी
ड्यूरेशनः 2 घंटे
स्टारः 5 में 4दो अमेरिकी स्पोर्ट्स एजेंट. नाम जेबी बर्न्सटीन और ऐश वासुदेवन. कभी उनके अनुंबधित खिलाड़ी बढ़िया खेल रहे थे और ये दोनों खूब पैसा बना रहे थे. मगर अब पतझड़ आया हुआ है. उन्हें तलाश है एक ऐसे खिलाड़ी की जो फिर से उनकी किस्मत को शीर्षासन करा दे. एक दिन बीयरबाजी के दौरान भारतीय मूल का ऐश जेबी से कहता है, क्रिकेट बहुत मजेदार खेल है. क्यों न इसमें कुछ ट्राई करें. इंडिया जाकर. जेबी क्रिकेट को सिरे से खारिज कर देता है. फिर नशे के दौरान क्रिकेट देखता है, तो उसे इसमें बेसबॉल के लिए गुंजाइश नजर आती है. बनता है प्लान. एक रिएलिटी शो करने का. नाम रखा जाता है मिलियन डॉलर आर्म. प्लान ये है कि इंडिया जाओ. एक रिएलिटी शो करो. दो सबसे तेज गेंद थ्रो करने वाले बालक चुनो. उन्हें अमेरिका लाकर और ट्रेन करो. फिर किसी टीम को महंगे दाम पर अनुबंधित करा दो.
जेबी इंडिया आता है और भारत भी देखता है. मिलते हैं उसे दो हीरे. दोनों देसी. नाम रिंकू और दिनेश. रिंकू भाला फेंक का खिलाड़ी है और दिनेश को क्रिकेट से नफरत है. ये बात जेबी को पता नहीं चलती. इसी दौरान एक नजरबट्टू भी जेबी के साथ चेप हो जाता है. अमित नाम है उसका. बित्ते भर का है, मगर बेसबॉल कोच बनना चाहता है. इस पूरे सर्कस को गाइड करने के लिए एक वेटरन बेसबॉल प्लेयर रे भी साथ आते हैं. कुछ दिनों के बाद ये कारवां वापस अमेरिका की फ्लाइट पकड़ता है. अब जेबी को अपना मकसद पूरा होता नजर आ रहा है. मगर चीजें हमेशा सोचे हुए ट्रैक पर कहां दौड़ती हैं. फिर जो होता है, उससे सबकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल जाती है. इस दौरान जेबी अपनी किरायेदार पड़ोसन ब्रेंडा से भी दो चार होते हैं और प्यार-साथ के सबक सीखते हैं.
जेबी के रोल में जॉन हैम ने खूब रंग जमाया है. कभी लालच, कभी उत्साह तो कभी खीझ, सब बारी बारी उनके चेहरे पर आते हैं और संवाद के सहारे हवा में पसर जाते हैं. जॉन को भारतीय मेट्रो दर्शक टीवी सीरीज मैडमैन के डॉन ड्रेपर के रूप में ज्यादा पहचानते हैं. रिंकू के रोल में हैं सूरज शर्मा, जो लाइफ ऑफ पाई में किशोर पाई पटेल बने थे और तमाम दिन-रात एक कश्ती पर टाइगर के संग सफर करते रहे थे. इस फिल्म में भी सूरज ने गांव से आए लड़के कुछ चुलबुले और फ्लेमिंगो की तर्ज पर खड़े हो बॉल थ्रो करते लड़के को खूब तसल्ली से निभाया है. दिनेश के रोल में मधुर मित्तल ने भी बढ़िया काम किया है. इससे पहले वह स्लमडॉग मिलिनेयर में हीरो के बड़े भाई के रोल में नजर आए थे. दिनेश के किरदार में एक किस्म की सख्ती है. ट्रक चलाते बाप का हाथ बंटाने के क्रम में खेल छोड़ने के त्याग से आई बेरुखी उनके चेहरे की लकीरों में पैबस्त नजर आती है. जेबी के पार्टनर ऐश के रोल में आसिफ मांडवी भी दुरुस्त दिखते हैं. जेबी की पड़ोसन मेडिकल स्टूडेंट ब्रेंडा के रोल में लेक बेल ने बहुत अच्छा काम किया है. उन्होंने टीवी से करियर शुरू किया था और फिर व्हाट हैपन्स इन वेगस और नो स्ट्रिंग्स अटैच्ड जैसी फिल्मों से अपनी पहचान कायम की. इसके अलावा एकेडमी अवॉर्ड जीत चुके बुजुर्ग एक्टर एलम इरकिन रे के छोटे रोल में भी फिल्म को बढ़िया वजन देते हैं. यहां मैं खासतौर पर जिक्र करना चाहूंगा अपने प्यारे पित्तोबाश का. इस एक्टर को इधर फिल्में कम मिल रही हैं, मगर लड़के को जब मौका मिलता है, छक्का जड़ देता है. चाहे वह आई एम कलाम का लिप्टन हो या फिर शंघाई का उठाईगीर. पित्तोबाश ने दुभाषिये, हेल्पर, असिस्टेंट कोच के रोल में खूब सहज बातूनीपन घोला है.
यह फिल्म सत्य घटनाओं पर आधारित है और ऐसे में निर्देशक के कंधे पर अतिरिक्त जिम्मेदारी बढ़ जाती है. डायरेक्टर क्रेग ने पूरी फिल्म में खेल के रोमांच और मानवीय अभिलाषाओं से उपजे कई किस्म के तनाव को बखूबी दिखाया है. बस एक छोटी सी शिकायत है. इंडिया के बेढब स्वरूप को दिखाने के स्लमडॉग जनित लालच से वह भी नहीं बच सके.
स्पोर्ट्स मूवी पसंद करने वालों के लिए तो यह फिल्म मस्ट वॉच है ही, बाकियों को भी यह मजेदार और बांधने वाली फिल्म लगेगी. द अमेजिंग स्पाइडर मैन2 के बाद भारत को एक और शानदार हॉलीवुड फिल्म देखने को मिलेगी. इंडिया कनेक्शन का अतिरिक्त बोनस ऑफर तो है ही.